श्रावक के लक्षण
श्रावक के लक्षण जैन धर्म में मद्य—मांस—मधु का सेवन न करना, सात व्यसनों से सदा दूर रहना, पांचों पापों का स्थूल त्याग होना, रात्रि में भोजन न करना, बिना छने जल का उपयोग न करना, प्राणीमात्र के प्रति करूणा भाव होना और नित्य देवदर्शन व स्वाध्याय करना । यद्यपि सामान्य श्रावक अभी अव्रती है, उसने…