गुणस्थान क्या है ?
गुणस्थान क्या हैं ? मोह और योग के निमित्त से आत्मा के गुणों में जो तारतम्य होता है उसे गुणस्थान कहते हैं। ये गुणस्थान—१ मिथ्यात्व, २ सासादन, ३ मिश्र, ४ अविरत सम्यग्दृष्टि, ५ देश विरत, ६ प्रमत्त विरत, ७ अप्रमत्त विरत, ८ अपूर्व करण, ९ अनिवृत्ति करण, १० सूक्ष्म सांपराय, ११ उपशांत मोह, १२ क्षीण…