37. जीवदया परम धर्म है
जीवदया परमधर्म है श्री गौतमस्वामी द्वारा रचित जिस यति प्रतिक्रमण का पाठ हम साधुवर्ग हर पन्द्रह दिनों में करते हैं उसमें स्पष्ट कहा है कि- सुदं मे आउस्संतो ! इह खलु समणेण भयवदा महदिमहावीरेण समणाणं पंचमहव्वदाणि सम्मं धम्मं उवदेसिदाणि। तं जहा-पढमे महव्वदे पाणादिवादादो वेरमणं । हे आयुष्मन्त भव्यों ! मैंने (गौतम स्वामी ने) इस भरत…