55. आर्यिका चर्या
आर्यिका चर्या आर्यिका चन्दनामती आधुनिक परिवेश में चाहे श्रावक हो या मुनि, श्राविका हो या आर्यिका, स्पष्ट रूप में उनकी चर्या का ज्ञान होना आवश्यक है। आचार्यश्री यतिवृषभ स्वामी ने कहा है- पंचमकाल के अंत तक मुनि-आर्यिका, श्रावक-श्राविका का चतुर्विध संघ वर्तन करेगा। अभी तो पंचमकाल के मात्र २५४८ वर्ष व्यतीत हुए हैं, शेष १८४५२...