35. षट्खंडागम का सार
षट्खंडागम का सार णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आइरियाणं।णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्वसाहूणं।।१।। षट्खण्डागम की प्रथम पुस्तक सत्प्ररूपणा में सर्वप्रथम ‘णमोकार महामंत्र’ से मंगलाचरण किया है। इसमें १७७ सूत्र हैं। इस ग्रंथ की रचना श्रीमत्पुष्पदंत आचार्य ने की है। इसके आगे के संपूर्ण सूत्र श्रीमद् भूतबलि आचार्य प्रणीत हैं। इस मंगलाचरण की धवला टीका में...