03. द्रौपदी स्वयंवर एवं पाण्डव वनवास
द्रौपदी स्वयंवर एवं पाण्डव वनवास किसी समय शौर्यपुर में राज्य करते हुए राजा समुद्रविजय के राजमहल में रानी शिवादेवी के आँगन में सौधर्म इन्द्र की आज्ञा से कुबेर ने रत्नों की वर्षा करना शुरू कर दिया। प्रतिदिन साढ़े बारह करोड़ रत्न बरसते थे। महाराज समुद्र- विजय इन रत्नों को याचकों को बाँट देते थे। श्री,…