राग आग है
राग आग है ज्वाला एक राग की और एक आग की होती है दोनों ही बुरी तो होती हैं किन्तु, आग की अपेक्षा राग की ज्वाला कहीं अधिक ही दु:खदायी है क्योंकि आग तो शरीर को ही जलाती है और राग की ज्वाला भव-भव में आत्मा का घात कराती है। हे चेतन! राग को छोड़कर...