भगवान कुंथुनाथ वन्दना
श्री कुंथुनाथ वन्दना दोहा हस्तिनागपुर में हुए, गर्भ जन्म तप ज्ञान। सम्मेदाचल मोक्षथल, नमूँ कुंथु भगवान।।१।। त्रिभंगी छंद पैंतिस गणधर मुनि साठ सहस, भाविता आर्यिका गणिनी थीं। सब साठ सहस त्रय शतपचास, संयतिकायें अघ हरणी थीं।। श्रावक दो लाख श्राविकाएँ, त्रय लाख चिन्ह बकरा शोभे। आयू पंचानवे सहस वर्ष, पैंतिस धनु तनु स्वर्णिम दीपे।।२।। शिखरिणी...