13. तत्त्वार्थसूत्र ग्रंथ आप्त-भगवान की वाणी से प्राप्त प्रमाणीक है
तत्त्वार्थसूत्र ग्रंथ आप्त-भगवान की वाणी से प्राप्त प्रमाणीक है तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक में श्री विद्यानंदि महोदय तत्त्वार्थसूत्र को आप्तमूलक सिद्ध कर रहे हैं- ‘‘संप्रदायाव्यवच्छेदाविरोधादधुना नृणाम्। सद्गोत्राद्युपदेशोऽत्र यद्वत्तद्वद्विचारत:।।६।। प्रमाणमागम: सूत्रमाप्तमूलत्वसिद्धित:।। ’’संप्रदाय-परम्परा के व्यवच्छेद का अविरोध होने से यह सूत्र आगम प्रमाण है क्योंकि यह आप्तमूलक सिद्ध है। जैसे-आजकल मनुष्यों के सद्गोत्र (काश्यप आादि) आदि का उपदेश प्रवाहरूप से…