104. पुष्प चढ़ाने के प्रमाण
पुष्प चढ़ाने के प्रमाण अलि-चुंबिएहिं पुज्जइ, जिणपयकमलं च जाइमल्लीहिं। सो हवइ सुरवरिंंदो, रमेई सुरतरुवरवणेहिं।। अलि-चुम्बितै: पूजयति, जिनपद-कमलं च जातिमल्लिवै:। स भवति सुरवरेन्द्र:, रमते सुरतरुवरवनेषु।।४७३।। अर्थ- जो भव्य पुरुष भगवान जिनेन्द्र देव के चरण कमलों की जिन पर भ्रमर घूम रहे हैं ऐसे चमेली, मोगरा आदि उत्तम पुष्पों से पूजा करता है वह स्वर्ग में जाकर…