08. बारह तप
बारह तप श्री गौतमस्वामी के मुखकमल से विनिर्गत प्रतिक्रमण पाठ में तप आचार में ऐसा क्रम है— प्रतिक्रमण पाठ में— तवायारो वारसविहो, अब्भंतरो छव्विहो बाहिरो छव्विहो चेदि तत्थ बाहिरो अणसणं आमोदरियं वित्तिपरिसंखा रसपरिच्चाओ सरीर-परिच्चाओ विवित्तसयणासणं चेदि। तत्थ अब्भंतरो पायच्छित्तं विणओ वेज्जावच्चं सज्झाओ झाणं विउस्सग्गो चेदि। अब्भंतरं बाहिरं बारसविहं तवोकम्मं ण कदं णिसण्णेण, पडिक्वंतं, तस्स मिच्छा…