05.4 ऐतिहासिक आर्यिकाएँ
ऐतिहासिक आर्यिकाएँ इस युग में चतुर्थ काल प्रारंभ होने के पहले ही भगवान ऋषभदेव को केवलज्ञान होने के बाद ही उनके ही पुत्र वृषभसेन, जो कि पुरिमताल नगर के राजा थे, वे प्रभु से मुनि दीक्षा लेकर भगवान के प्रथम गणधर हो गये तथा भगवान की ही पुत्री ब्राह्मी, जो कि भरत चक्री की छोटी…