01.1 सम्प्रदाय निरपेक्षता का पाठ पढ़ाता है जैनधर्म
सम्प्रदाय निरपेक्षता का पाठ पढ़ाता है जैनधर्म धर्म निरपेक्षता भारत धर्म प्रधान देश होने के साथ कर्म प्रधान देश भी है। यहाँ भाग्य के साथ पुरुषार्थ को भी समानता से मान्यता प्राप्त है। प्रत्येक धर्म में भेदभाव से रहित होकर आचरण करने पर बल दिया गया है। भारत में समान संस्कृति और सभ्यता वाले लोग…