12. अंकुरारोपण विधि
अंकुरारोपण विधि शेर छंद त्रिभुवन के एकचंद्र श्री जिनेन्द्र को नमूँ। रवि चंद्र कोटि से अधिक दीप्ती उन्हें नमूँ।। पुण्यांकुरों सम अंकुरारोपण विधी करूँ। पुण्यांकुरों से नाथ की अर्चाविधी करूँ।।१।। (चैत्यालय के पूर्व या उत्तर दिशा में कमलाकार मंडल बनाकर स्वस्तिक पर दस, बारह या आठ पालिका, घटी, शराव, पटली को रखें। इन मंडलों के…