क्या है छ:
क्या है छ: १. षट् आवश्यक— (१) देव पूजा (२) गुरु उपासना (३) स्वाध्याय (४) संयम (५) तप …
क्या है छ: १. षट् आवश्यक— (१) देव पूजा (२) गुरु उपासना (३) स्वाध्याय (४) संयम (५) तप …
जानिये नव अर्थात् नौ क्या है ? १. नौ पदार्थ 1. जीव 2. अजीव 3. आस्रव 4. बंध 5. संवर 6. निर्जरा 7. मोक्ष 8. पुण्य, 9. पाप २. नौ ग्रेवेयक 1.सुदर्शन 2.अमोघ 3.सुप्रबुद्ध 4.यशोधर 5.सुभद्र 6.सुविशाल 7.सुमन 8. सौमन 9.प्रीतिकर ३. नौ अनुदिश 1.अर्चि 2.अर्चिमालिनी 3.बङ्का (बैर) 4.वैरोचन 5.सौम अंक 6.सौम्य रूप 7 8….
नौ का अंक जानिये क्या हैं ? (१) नवग्रह (२) नवदेवता (३) नवनिधि (४) नवरंग (५) नौ रस (६) नव द्वार (७) नव पदार्थ (८) नवधा भक्ति (९) नवरत्न
क्या है सोलह १- सोलहकारण भावना— (१) दर्शन विशुद्धि (२) विनय संपन्नता (३) शीलव्रतेश्वनतिचार (४) अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोग (५) संवेग (६) शक्तितस्त्याग (७) शक्तितस्तप (८)साधु समाधि (९) वैयावृत्यकरण (१०) अरिहंत भक्ति (११) आचार्य भक्ति (१२) बहुश्रुत भक्ति (१३) आवश्यकापरिहाणी (१४) मार्ग प्रभावना (१५) बहुश्रुत भक्ति (१६) प्रवचन वत्सलत्व। २- सोलह स्वर्ग— (१) सौधर्म (२) ईशान (३)…
क्या हैं तेईस (२३) नौ कर्म वर्गणाओं के २३ भेद (१) अणुवर्गणा (२) संख्याताणुवर्गणा (३) असंख्यातेणुवर्गणा (४) अनंताणुवर्गणा (५) आहारवर्गणा (६) प्रथम अग्राह्यवर्गणा (७) तैजस शरीर वर्गणा (८) द्वितीय अग्राह्य वर्गणा (९) भाषा वर्गणा (१०) तृतीय अग्राह्यवर्गणा (११) मनोवर्गणा (१२) चौथी अग्राह्यवर्गणा (१३) ध्रुव वर्गणा (१४) कार्मणा वर्गणा (१५) सांतर निरंतर वर्गणा (१६) शून्य वर्गणा…
क्या हैं इक्कीस ०१. दातार के इक्कीस गुण (१) पड़गाहन (२) उच्च स्थान (३) पाद—प्रक्षालन (४) अर्चना (४) अर्चना (६) मनशुद्धि (७) वचनशुद्धि (८) काय शुद्धि (९) आहार—जल शुद्धि (१०) श्रद्धावान (११) विवेकवान (१२) क्रियावान (१३) भक्तिवान (१४) निर्लोभी (१५) दयावान (१६) क्षमावान (१७) आनंदपूर्वक दान देना (१८) आदरसहित दान देना (१९) प्रियवचनपूर्वक दान देना…
क्या है—चौदह १४ गुणस्थान — (१) मिथ्यात्व (२) सासादन (३) मिश्र (४) अविरत सम्यग्दृष्टि (५) देशविरत (६) प्रमत्त—विरत (७) अप्रमत्तविरत (८) अपूर्वकरण (९) अनिवृत्तिकरण (१०) सूक्ष्मसांपराय (११) उपशांतमोह (१२) क्षीण मोह (१३) सयोग केवली (१४) अयोग केवली १४ मार्गणा — (१) गति (२) इंद्रिय (३) काय (४) योग (५) वेद (६) कषाय (७) ज्ञान (८)…
तीन बातों पर ध्यान दें शत्रु, ऋण (कर्ज) और बीमारी को कभी छोटा मत समझों। जर, जोरू और जमीन ये तीन लड़ाई— झगड़े की जड़ हैं। विद्या, बुद्धि, चरित्र इन तीन चीजों को कोई चुरा नहीं सकता। पत्नी, भाई, मित्र तीनों की परीक्षा समय पर होती है। पराई स्त्री, निन्दा,कुसंगत तीनों से बचो। माता, पिता,…
तीन की महिमा तीन का भरोसा मत कीजिये काल, कर्म, जगत तीन का हमेशा सम्मान कीजिए माता, पिता, गुरुतीन बातें याद रखिए कर्ज, फर्ज, मर्जतीन वस्तुएँ जीवन में एक बार मिलती है माँ , बाप, जवानी तीन बातों पर नियंत्रण रखें काम, क्रोध, कामनातीन चीजें किसी का इन्तजार नहीं करती समय, मौत , ग्राहकतीन बातें…
क्या है इकतीस (३१) कर्म विपाक सूत्र— (अ) ज्ञानावरणीय कर्म के पांच भेद— (१) मतिज्ञानावरण (२) श्रुतज्ञानावरण (३) अवधिज्ञानावरण (४) मन: पर्ययज्ञानावरण (५) केवलज्ञानावरण। (ब) दर्शनावरणीय कर्म के नौ भेद— (१) चक्षुदर्शनावरण (२) अचक्षुदर्शनावरण (३) अवधिदर्शनावरण (४) केवलदर्शनावरण (५) निद्रा (६) निद्रा—निद्रा (७) प्रचला (८) प्रचला—प्रचला (९) स्त्यानगृद्धि (स) वेदनीय कर्म के २ भेद— (१)…