47. श्रवणबेलगोल के लिए विहार
श्रवणबेलगोल के लिए विहार (ज्ञानमती माताजी की आत्मकथा) श्रवणबेलगोल यात्रा के लिए विहार- यहाँ मेरे साथ में तीन आर्यिकायें, दो क्षुल्लिकायें और एक ब्रह्मचारिणी थीं। ब्रह्मचारिणी का नाम भंवरीबाई था, यह वृद्धा थी अतः यात्रा कराने के लिए सारी जिम्मेदारी श्रावकों ने ली थी। इसमें मांगीलाल जी पहाड़िया प्रमुख थे बल्कि यों कहा जाये कि...