08. मैना की क्षुल्लिका दीक्षा
मैना की क्षुल्लिका दीक्षा (ज्ञानमती माताजी की आत्मकथा) चातुर्मास समाप्ति के बाद आचार्यश्री बाराबंकी से विहार कर लखनऊ आ गये और डालीगंज में ठहर गये। वहाँ से श्रीमहावीर जी यात्रा का प्रोग्राम बना। संघ व्यवस्था में सीमंधरदासजी चारबाग वाले और श्री जुग्गामल जी आगे हुए। संघ का विहार हुआ। मार्ग में सोनागिरि आदि की यात्रा...