66. भगवान महावीर पुस्तक में विसंवाद
भगवान महावीर पुस्तक में विसंवाद पंचरंगी ध्वज एक बार आचार्य श्री धर्मसागर के पास लाल मंदिर के एक कमरे में कुछ लोग पंचरंगी ध्वज का विरोध लेकर आ गये। मैं बैठी सब सुनती रही। आचार्यश्री भी सुन रहे थे। कुछ देर बाद मैंने आचार्यश्री धर्मसागर जी से आज्ञा लेकर समाधान देना और समझाना शुरू किया।…