अट्ठाईस मूलगुण
अट्ठाईस मूलगुण अट्ठाईस मूलगुण-मूलगुण और उत्तरगुण जीव के परिणाम हैं। महाव्रतादिक मूलगुण अट्ठाईस हैं। बारह तपश्चरण और बाईस परीषह इनको उत्तरगुण कहते हैं, ये चौंतीस हैं।’’ इन उत्तरगुणों का वर्णन आगे करेंगे। अट्ठाईस मूलगुणों के नाम-पंच महाव्रत, पंच समिति, पंच इन्द्रियों को वश करना, छह आवश्यक क्रिया, लोच, आचेलक्य, स्नान का त्याग, क्षितिशयन, दंत धावन…