स्याद्वाद चन्द्रिका में गुणस्थान परिपाटी से प्रकरण-पुश्टि!
स्याद्वाद चन्द्रिका में गुणस्थान परिपाटी से प्रकरण-पुश्टि संसारी जीव को सम्यग्दर्षन, ज्ञान, चारित्र के द्वारा मोक्ष प्राप्त करने के प्रयत्न में जो परिणतियां प्राप्त होती हैं, जिस विकास क्रम से गुजरना होता है, जो कक्षायें उत्तीर्ण करनी होती हैं उन्हें गुणस्थान कहते हैं। ये गुण के स्थान अर्थात नियम (रत्नत्रय) रूप गुण के पद है।…