05.3 सप्तभंगी
सप्तभंगी ३.१ सप्तभंगी का अर्थ- अनेकांतवाद अथवा स्याद्वाद का विस्तृत रूप सप्तभंगी में दृष्टिगोचर होता है। अनेकांत सिद्धांत के आधार पर यह स्पष्ट हो चुका है कि प्रत्येक पदार्थ परस्पर विरोधी अनेक धर्म युगलों का िंपड है। वे वस्तु में एक साथ रह तो सकते हैं परन्तु उन्हें युगपत् व्यक्त नहीं किया जा सकता है।...