01.4 सम्यग्दर्शन के पच्चीस दोष एवं आठ अंग
सम्यग्दर्शन के पच्चीस दोष एवं आठ अंग तीन मूढ़ता, आठ मद, छह अनायतन और शंकादि आठ दोष—इन पच्चीस दोषों के द्वारा क्षयोपशम सम्यग्दर्शन के गुण निर्मल न रहकर मलिन हो जाते हैं। तीन मूढ़ता मूढ़ता का अर्थ है धार्मिक अन्धविश्वास। आत्महित का विचार किये बिना ही अन्धश्रद्धालु बनकर अज्ञानपूर्ण प्रवृत्ति करना मूढ़ता है। मूढ़ता तीन...