तत्त्वार्थसूत्र समुच्चय भजन!
समुच्चय भजन तर्ज-मेरा नम्र प्रणाम है……….. बारम्बार प्रणाम है, मोक्षशास्त्र तत्त्वार्थसूत्र को, कोटी कोटि प्रणाम है। जिसका सार ग्रहण कर मानव, पाता आगमज्ञान है।। मोक्षशास्त्र तत्त्वार्थसूत्र को, बारम्बार प्रणाम है।।टेक।। दश अध्यायों में जीवादिक, सात तत्त्व बतलाये हैं। श्री आचार्य उमास्वामी ने, सूत्र सरल समझाये हैं।। मोक्ष आज नहिं किंतु मोक्ष-मारग का मिलता ज्ञान…