09. पूर्वधातकीखण्डद्वीप भरतक्षेत्र भविष्यत् तीर्थंकर स्तोत्र
(चौबीसी नं. ९) पूर्वधातकीखण्डद्वीप भरतक्षेत्र भविष्यत् तीर्थंकर स्तोत्र अथ स्थापना नारेन्द्र छंद पूर्वधातकीखंड द्वीप में, सुरगिरि दक्षिण जानो। भरतक्षेत्र के भाविकाल में, चौबिस जिनवर मानो।। पंचकल्याणकपति भविजन के, सब कल्याण करे हैं। भक्तिभाव से मैं नित वंदूँ, कल्मष सर्व हरे हैं।।१।। दोहा घात घातिया कर्म को, किया ज्ञान को पूर्ण। नमूँ-नमू नित आपको, करो…