13. पश्चिम धातकीखण्ड भरतक्षेत्र भूतकालीन तीर्थंकर स्तोत्र
(चौबीसी नं. १३) पश्चिम धातकीखण्ड भरतक्षेत्र भूतकालीन तीर्थंकर स्तोत्र नरेन्द्र छंद अपर धातकी में दक्षिण दिश,भरतक्षेत्र शुभ सोहे। उसके आर्यखंड में नित छह, काल परावृत हो हैं।। चौथे युग में भूतकाल के, तीर्थंकर चौबीसों। भक्तिभाव से मैं नित वंदूँ, छूटूँ दु:ख वनी सों।।१।। दोहा सब कर्मों में एक ही, मोह कर्म बलवान। उसके नाशन हेतु…