पूर्वधातकी खंड के विजयमेरु का वर्णन
पूर्वधातकी खंड के विजयमेरु का वर्णन यह मेरु पर्वत ८४००० योजन ऊँचा है। इसकी जड़ एक हजार योजन है। मेरु का विस्तार तलभाग में १०००० योजन एवं पृथ्वी पृष्ठ पर ९४०० योजन है। इस मेरु का विस्तार शिखर तल पर १००० योजन मात्र है। इसकी चूलिका ४० योजन ऊँची, नील मणिमय सुदर्शन मेरु सदृश है।…