व्यंतर देवों के अंतर्गत कुलों के भेदों का वर्णन
व्यंतर देवों के अंतर्गत कुलों के भेदों का वर्णन इन किन्नर आदि व्यंतरों में दस, बारह आदि भेद पाये जाते हैं। इनमें दो-दो इंद्र और इंद्रों के दो-दो अग्रदेवियाँ मानी गई हैं। ये देवियाँ २-२ हजार वल्लभिकाओं से युक्त होती हैं। यथा- किन्नरों के – १० भेद किंपुरुषों के – १० भेद महोरग के –…