नरक के दु:खों का वर्णन
नरक के दु:खों का वर्णन जिस प्रकार दुष्ट व्याघ्र मृग के बच्चे को देखकर उसके ऊपर टूट पड़ता है, उसी प्रकार क्रूर पुराने नारकी उस नवीन नारकी को देखकर धमकाते हुए उसकी ओर दौड़ते हैं। जिस प्रकार कुत्तों के झुंड एक दूसरे को दारुण दु:ख देते हैं उसी प्रकार नारकी नित्य ही परस्पर दुस्सह पीड़ादिक…