वातवलयों का वर्णन
वातवलयों का वर्णन इस लोकाकाश को चारों तरफ से वेष्टित करके तीन वातवलय हैं। ये वायुकायिक जीवों के शरीर स्वरूप हैं। यद्यपि वायु अस्थिर स्वभाव वाली है फिर भी ये तीनों वातवलय स्थिर स्वभाव वाले वायुमण्डल हैं। इनके (१) घनोदधिवातवलय (२) घनवातवलय एवं (३) तनुवातवलय ये तीन भेद हैं। घनोदधिवात गोमूत्र वर्ण वाला है, घनवात…