ऊर्ध्वलोक का वर्णन
ऊर्ध्वलोक का वर्णन मेरु की चूलिका के उत्तर कुरु क्षेत्रवर्ती मनुष्य के एक बालमात्र के अंतर से प्रथम स्वर्ग का प्रथम इंद्रक स्थित है। अर्थात् मेरु की चूलिका के ऊपर से एक बाल के अंतर से ऊर्ध्वलोक प्रारंभ होता है। यह ऊर्ध्वलोक १ लाख इकसठ योजन ४२५ धनुष, एक बाल, कम सात राजू प्रमाण है।…