तीर्थंकर ऋषभदेव तपस्थली तीर्थ प्रयाग जैनधर्म का सर्वाधिक पौराणिक तीर्थ ‘‘प्रयाग’’ है । यद्यपि जैन तीर्थ के रूप में प्रयाग के प्रति समाज में जागरूकता व्याप्त नहीं थी, लेकिन जब पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी की पावन प्रेरणा से सन् २००० में भगवान ऋषभदेव का अन्तर्राष्ट्रीय निर्वाण महोत्सव मनाया गया तो इस महोत्सव के समापन…
श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बहलना (उ.प्र.) वीरेन्द्र कुमार जैन, सलावाअतिशय क्षेत्र बहलना एक सुन्दर क्षेत्र है जहाँ प्रवेश करते ही असीम शांति का अनुभव होता है। बहलना अतिशय क्षेत्र दिल्ली-हरिद्वार राष्ट्रीय मार्ग पर मुजफ्फरनगर बहलना चौक से पश्चिम की ओर ५ किमी. की दूरी पर स्थित है। हस्तिनापुर तीर्थक्षेत्र से यह लगभग ६०…
श्रीनगर में पार्श्वनाथ का अतिशय —ब्र. कु. बीना जैन (संघस्थ) उद्दाम विरही ने सन् १८९४ में श्रीनगर को ध्वस्त कर दिया और इस ध्वंस-लीला से यह जैन तीर्थ भी नहीं बच पाया किन्तु प्रतिमाएँ सुरक्षित रहीं। स्व.लाला प्रतापसिंह जैन और स्व. लाला मनोहरलाल जैन के संयुक्त प्रयास से ध्वस्त मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ। इस काल…