नवग्रहशांति व्रत!
नवग्रहशांति व्रत विधि— वर्ष में तीन बार आष्टान्हिक पर्व आता है। उन्हीं पर्वों में एक दिन पहले से यह व्रत किया जाता है जैसे कि आषाढ़ शुक्ला सप्तमी से आषाढ़ शुक्ला पूर्णिमा तक। कार्तिक शु. सप्तमी से पूर्णिमा तक एवं फाल्गुन शु.७ से पूर्णिमा तक ऐसे वर्ष में तीन बार यह व्रत करना चाहिए। अधिकतम…