तेरहद्वीप जिनालय पूजा
तेरहद्वीप जिनालय पूजा (मध्यलोक जिनालय पूजा) अथ स्थापना (शंभु छंद) श्री स्वयंसिद्ध जिनमंदिर यहाँ पर, चार शतक अट्ठावन हैं। मणिमय अकृत्रिम जिनप्रतिमा, ऋषि मुनिगण के मनभावन हैं।। सौ इंद्रों से वंदित जिनगृह, मैं इनकी पूजा नित्य करूँ। आह्वानन संस्थापन करके, निज के सन्निध नित्य करूँ।।१।। ॐ ह्रीं मध्यलोकसंबंधिपंचमेर्वादिचतु:शतअष्टपंचाशत्जिनालयजिन-बिम्बसमूह! अत्र अवतर…