बीस तीर्थंकर पूजा
बीस तीर्थंकर पूजा स्थापना गीताछंद सीमंधरादिक बीस तीर्थंकर विदेहों में रहें। जिनकी सभा में आज भी, भविवृंद निज कल्मष दहें।। उन विद्यमान जिनेश की, मैं नित करूँ आराधना। पूजन करूँ अतिभक्ति से, निजतत्त्व की ही साधना।।१।। ॐ ह्रीं विदेहक्षेत्रस्थसीमंधरादिविद्यमानविंशति-तीर्थंकरसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं विदेहक्षेत्रस्थसीमंधरादिविद्यमानविंशति-तीर्थंकरसमूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ:…