श्री चन्द्रप्रभजिन पूजा!
श्री चन्द्रप्रभजिन पूजा चारुचरन आचरन, चरन चितहरन चिहनचर। चंद-चंद-तनचरित, चंदथल चहत चतुर नर।। चतुक चंड चकचूरि, चारि चिद्चक्र गुनाकर। चंचल चलित सुरेश, चूलनुत चक्र धनुरधर।। चर अचर हितू तारन तरन, सुनत चहकि चिर नंद शुचि। जिनचंद चरन चरच्यो चहत, चितचकोर नचि रच्चि रुचि।।१।। दोहा धनुष डेढ़सौ तुङ्ग तनु, महासेन नृपनंद। मातु लछमना उर जये,…