श्री पद्मावती पूजा!
श्री पद्मावती पूजा स्थापना जग के जीवों के शरणागत, मिथ्यात्व तिमिर हरने वाले। तुम कर्मदली तुम महाबली, शिवरमणी को वरने वाले।। हे पार्श्वनाथ! तेरी महिमा, सारे ही जग से न्यारी है। तब ही तो पद्मावति माता, तव चरणों में बलिहारी है।। ऐसी माता का आह्वानन, स्थापन करने आये हैं। पुष्पों को अंजलि में भरकर पुष्पांजलि…