01. जम्बूद्वीप भरतक्षेत्र भूतकालीन तीर्थंकर स्तोत्र
चौबीसी नं.१ जम्बूद्वीप भरतक्षेत्र भूतकालीन तीर्थंकर स्तोत्र गीता छंद जंबूद्रुमांकित प्रथम जंबूद्वीप में दक्षिण दिशी। वर भरत क्षेत्र प्रधान तहं षट्कालवर्तें नितप्रती।। जहं भूतकाल चतुर्थ में चौबीस तीर्थंकर भये। मैं भक्ति श्रद्धा भाव से वंदन करूँ हर्षित हिये।।१।। अडिल्ल छंद कर्मनाश निर्वाण महालक्ष्मी वरी। तीर्थंकर ‘निर्वाण’ सौख्य अमृत झरी।। वंदूँ शीश नमाय चित्तहरषाय के। तिरूँ…