दस रोगों की एक दवा-गैस नाशक चूरन यह चूर्ण गैस के लिए बहुत ज्यादा फायदेमन्द है । इस चूर्ण को बनाने के लिए इस सामग्री का प्रयोग करना है। मेथी – २५० ग्राम अजवाइन – १०० ग्राम काली जीरी – ५० ग्राम इन सबकों थोड़ा भून कर पीस लें । रोज नमक मिलाकर गुनगुने पानी…
विश्व के प्रमुख पर्वतशिखर == {” class=”wikitable” “- ! पर्वतशिखर !! देश !! ऊ.(मी.) !! पर्वतशिखर !! देश !! उ. (मी.) “- ” एवरेस्ट “” नेपाल “” ८,८५० “” ग्रेशरब्रम “”पाकिस्तान “” ८,०६८ “- ” के—२ (गाडिविन आस्टिन) “” भारत “” ८,६११ “” गो सांईथान “” चीन “” ८,०१८ “- ” कांचन जुंगा “” नेपाल—भारत…
चार शिक्षाव्रत देशावकाशिक, सामायिक, प्रोषधोपवास और अतिथि संविभाग-व्रत। देशावकाशिक- दिग्व्रत में प्रमाण किये हुए विशाल प्रदेश में ग्राम, गली, मुहल्ला आदि की सीमा करके प्रतिदिन या माह, आदि से आने-जाने का त्याग करना। सामायिक- वन, गृह अथवा चैत्यालय आदि में चित्त की व्याकुलता रहित एकान्त स्थान में निर्मल बुद्धि श्रावक को सामायिक करना चाहिए। प्रोषधोपवास…
श्रीनेमिनाथ जिनेन्द्र पूजा स्थापना अडिल्लछन्द बाइसवें तीर्थंकर नेमीनाथ हैं। इनके तप की कथा जगत विख्यात है।। राहू ग्रह की शांति हेतु मैं पूजहूँ। आह्वानन स्थापन विधि से मैं जजूँ।। ॐ ह्रीं राहुग्रहारिष्टनिवारक श्रीनेमिनाथजिनेन्द्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं राहुग्रहारिष्टनिवारक श्रीनेमिनाथजिनेन्द्र! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनं। ॐ ह्रीं राहुग्रहारिष्टनिवारकश्रीनेमिनाथ जिनेन्द्र! अत्र मम…
चन्द्रग्रह अरिष्ट निवारक श्री चन्द्रप्रभ पूजा गीताछंद चन्दाकिरण समश्वेत चन्द्रप्रभु जिनेन्द्र समर्चना। शशिग्रह अरिष्ट विनाश हेतू, मैं करूँ अभ्यर्थना।। आओ विराजो नाथ मन-मन्दिर मेरा यह रिक्त है। बस भावना है प्रमुख मेरी, द्रव्य तो अतिरिक्त है।।१।। ॐ ह्रीं चन्द्रग्रहारिष्टनिवारकश्रीचन्द्रप्रभ जिनेन्द्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं चन्द्रग्रहारिष्टनिवारकश्रीचन्द्रप्रभ जिनेन्द्र! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः…