अक्षय तृतीया (आहार गीत) तर्ज-एक परदेशी………… प्रभु ऋषभदेव का आहार हो रहा, हस्तिनापुरी में जयजयकार हो रहा।। प्रथम प्रभू का प्रथम पारणा, प्रथम बार जब हुआ महल में।। हुआ…..।। पंचाश्चर्य की वृष्टि हुई थी, चैके का भोजन अक्षय हुआ तब।। अक्षय…..।। भक्ती में विभोर सब संसार हो रहा, हस्तिनापुरी में जयजयकार हो रहा।। प्रभू…..।।1।। भरत…
समवसरण गीत तर्ज-सौ साल पहले… बीते युगों में यहाँ पर समवसरण आया था…..समवसरण आया था। मैंने न जाने तब कहाँ जनम पाया था।।टेक.।। करोड़ों साल पहले भी, हजारों साल पहले भी। ऋषभ महावीर इस धरती पर खाए और खेले भी।। भारत की वसुधा पर तब, स्वर्ग उतर आया था…..स्वर्ग उतर आया था। मैंने न जाने…
पालना गीत आदीश्वर झूले पलना, मरुदेवी लोरी गावें-2। मरुदेवी लोरी गावें, सब देवी उसे सुलावें।। आदीश्वर।। कहाँ प्रभू को जनम भयो है-2 कौन झुलावे पालना, मरुदेवी लोरी गावें।। आदी.।। नगरि अयोध्या में जनम भयो है-2, इन्द्र झुलावे पालना, मरुदेवी लोरी गावें।। आदी.।। कौन पिताश्री धन्य हुए हैं-2, किनने जायो ललना, मरुदेवी लोरी गावें।। आदी.।। नाभिराय…