दीक्षा के समय का भजन
दीक्षा के समय का भजन तर्ज-चल दिया छोड़............ सब अथिर जान संसार, तजा घर बार, ऋषभप्रभु स्वामी। फिर नहीं किसी की मानी। पहले तो ब्याह रचाया था, सबको सब कुछ सिखलाया था। राजाओं ने भी राजनीति तब जानी- फिर नहीं किसी की मानी।।1।। इक दिन नीलांजना नृत्य हुआ, प्रभु का मन पूर्ण विरक्त हुआ। दे...