23. पूर्व पुष्करार्धद्वीप ऐरावत क्षेत्र वर्तमान तीर्थंकर स्तोत्र
(चौबीसी नं. २३) पूर्व पुष्करार्धद्वीप ऐरावत क्षेत्र वर्तमान तीर्थंकर स्तोत्र नरेन्द्र छंद पूरब पुष्कर ऐरावत के, वर्तमान तीर्थंकर। चिच्चैतन्य सुधारस प्यासे, भविजन को क्षेमंकर।। उनको नितप्रति शीश नमाके, प्रणमूँ मन-वच-तन से। आतम अनुभव अमृत हेतु, वंदूँ अंजलि करके।।१।। दोहा निज में ही रमते सदा, सिद्धिवधू भरतार। इसी हेतु भविजन नमें, भुक्ति मुक्ति करतार।।२।। दोहा श्री…