भक्तामर स्तोत्र- हिन्दी पद्यानुवाद( मुनि श्री क्षीरसागर कृत )
भक्तामर स्तोत्र- हिन्दी पद्यानुवाद (मुनि श्री क्षीरसागर कृत शत इन्द्रनि के मुकुट जु नये, पाप विनाशक जग के भये | ऐसे चरण ऋषभ के नाय, जो भवसागर तिरन सहाय ||१|| तत्व ज्ञान से जो थुति भरी, बुद्धि चतुर सुरपति सो करी | ते पद सब जन के मन हरें, सो थुती हम उस जिन की...