सोनागिर सिद्ध क्षेत्र में भगवान चन्द्रप्रभ का अभिषेक- सन् १९८९!
[[श्रेणी:सूक्तियां]] ==परमागम के अनमोल मोती== श्रेष्ठ सूक्तियॉ १. महान पुरुष वही है जो सच्चाई की राह पर अडिग रहे। २. अनीति एवं गलत राह से कभी भी श्रेष्ठ लक्ष्य की प्राप्ति संभव नहीं है। ३. सच्चाई का अंत कभी भी दु:खद एवं निराशा में नहीं होता है। ४. जीवन की सबसे बड़ी जीत है ,…
जैनाचार्यों की गौरवगाथा (१३०) महाकवि धनञ्जय — द्विसंधान महाकाव्य के अंतिम पद्य की व्याख्या में टीकाकार ने इनके पिता का नाम वसुदेव माता का नाम श्रीदेवी और गुरू का नाम दशरथ सूचित किया है। गृहस्थ धर्म और गृहस्थोचित षट्कर्मों का पालन करता था। इनके विषापहार स्तोत्र के सम्बन्ध में कहा जाता है कि कवि के…
पैसों का मोह एक छोटे से बच्चे ने अपने पिता के पास जाकर कहा— ‘ मुझे दो रूपये दो।’ क्या करोगे? ‘पिता ने पूछा।’ ‘लॉटरी का टिकट खरीदूँगा।’ बच्चे ने जवाब दिया ‘लॉटरी निकल आई तो मुझे कितना दोगे ? पिता ने सहजभाव से पूछा। ‘ आपके दो रूपये वापस कर दूँगा।’ बच्चे ने पूरी…
तीन बातों पर ध्यान दें शत्रु, ऋण (कर्ज) और बीमारी को कभी छोटा मत समझों। जर, जोरू और जमीन ये तीन लड़ाई— झगड़े की जड़ हैं। विद्या, बुद्धि, चरित्र इन तीन चीजों को कोई चुरा नहीं सकता। पत्नी, भाई, मित्र तीनों की परीक्षा समय पर होती है। पराई स्त्री, निन्दा,कुसंगत तीनों से बचो। माता, पिता,…
[[श्रेणी:सूक्तियां]] ==श्रेष्ठ सूक्तियाँ== १. सद्विचारों को उच्च मानवता का अलंकार समझकर सदैव सुरक्षित रखो। २. जैसे आप अपराधों से बचते हैं, वैसे ही कुविचारों से बचने का प्रयास करो। ३. युवकों को सबसे बड़ा आदर्श यही है कि वे मन से पवित्र बनें। ४. संघर्ष के द्वारा प्राप्त वस्तु का आनंद अनोखा होता है। ५….
[[श्रेणी:सूक्तियां]] प्रस्तुति एवं संपादन – प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनामती माताजी लेखक – डाॅ. मुकेश ” उज्ज्वल ” , कुशलगढ़ , जिला – बाँसवाड़ा ( राजस्थान ) English Translation – Shri Dattatreya Pandia , Kushalgarh- Bansvara ( Raj. )
जैनाचार्यों की गौरवगाथा (१२९) कवि परमेष्ठी या परमेश्वर— कवि परमेश्वर अपने समय के प्रतिभाशाली कवि और वाग्मी विद्वान् हैं। आपका स्मरण ९ वीं शती से लेकर १३ वीं शती के कन्नड़ कवि एवं संस्कृत कवि करते रहे हैं। आपने त्रिषष्टिशलाका पुरूषों के सम्बन्ध में एक पुराण लिखा था जिसका नाम वागर्थ संग्रह था। वर्तमान में…
[[श्रेणी:सूक्तियां]] ==श्रेष्ठ सूक्तियाँ== १. हमारे जीव का व्यवहार ही हमारे हृदय की सच्चाई का एकमात्र प्रमाण पत्र है। २. आदर्श जीवन मात्र जीव तक न रहे जीवन में आ जाए तो जीवन आदर्श बन सकता है। ३. अच्छे आचार—विचार का नाम ही धर्म है, संस्कृति है। ४. साधु पुरूष मात्र शरीर के बनें नहीं होते…
बीमारियां दूर भगाऐ किशमिश—छुआरे खाए आमतौर पर सूखे मेवे खाने या ड्राईप्फूट्स से लोग इसलिए कतराते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे वजन बढ़ता है। लेकिन, हाल के दिन में हुए कुछ अध्ययन इनके गुणकारी प्रभाव को दर्शाते हैं। विशेषज्ञों का दावा है कि सूखे मेवे से कई बीमारियों को दूर रखा जा सकता…