अनेकांतवाद :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] == अनेकांतवाद : == पितृ—पुत्र—नातृ—भव्यक—भातृणाम् एक पुरुषसम्बन्ध:। न च स एकस्य पिता इति शेषकाणां पिता भवति।। —समणसुत्त : ६७० एक ही पुरुष में पिता, पुत्र, पौत्र, भानजे, भाई आदि अनेक सम्बन्ध होते हैं। एक ही समय में वह अपने पिता का पुत्र और अपने पुत्र का पिता होता है। अत:: एक ही…