24. आकाश में विजय देव के नगर में जिनमंदिर हैं।
आकाश में विजय देव के नगर में जिनमंदिर हैं। विजयादिदुवाराणं पंचसया जोयणाणि वित्थारो। पत्तेक्वं उच्छेहो सत्त सयािंण च पण्णासा।।७३।। जो ५००। ७५०। दारोवरिमपुराणं रुंदा दो जोयणाणि पत्तेक्वं। उच्छेहो चत्तािंर केई एवं परूवंति।।७४।। २। ४। ठान्तरम्। एदेिंस दाराणं अहिवइदेवा हुवंति विंतरया। जंणामा ते दारा तंणामा ते वि रक्खादो।।७५।। एक्कपलिदोवमाऊ दसदंडसमाणतुंगवरदेहा। दिब्वामलमउडधरा सहिदा देवीसहस्सेिंह।।७६।। दारस्स उवरिदेसे विजयस्स…