दानं दुर्गति-नाशनम्
दानं दुर्गति-नाशनम् महाकवि भास महान् एवं भाषावेत्ता थे। उनके साहित्य की यशोगाथा देश और काल की सीमाओं से परे सार्वभौमिक एवं सार्वकालिक हो चुकी हैं। संस्कृत साहित्य में उनकी जितनी ख्याति है, प्राकृत साहित्य के बारे में उनका अवदान उससे कहीं अधिक महान् है। वह जहाँ इतने महान् विद्वान् थे, वहीं उनका जीवन उदारता एवं…