चतुर्थ व्यसन- वेश्यासेवन चरित्र हनन है
चतुर्थ व्यसन वेश्यासेवन चरित्र हनन है ! चतुर्थ व्यसन वेश्या सेवन है, यह परभव से पूर्व इसी जन्म में नरक का द्वार दिखा देता है। स्त्री जाति का सबसे बड़ा अभिशाप वेश्यावृत्ति है, ऐसी कुल्टा स्त्रियों को ही विष की बेल कहा गया है। उन्हें गणिका, लज्जिका, विलासिनी, वेश्या आदि नामों से संबोधित किया…