गोम्मटसार जीवकाण्ड में प्रतिपादित षट्लेश्या और पर्यावरण
गोम्मटसार जीवकाण्ड में प्रतिपादित षट्लेश्या और पर्यावरण पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ है—चारों ओर का आवरण / घेरा/मंडल। पर्यावरण अपने शाब्दिक अर्थ के अनुरूप मात्र समीपस्थ वातावरण/बाह्य जगत तक ही सीमित नहीं है वरन् इसमें मन, विचार, व्यवहार, तथा जीवन के प्रति दृष्टिकोण भी समाहित है। चाँद, सूरज, नक्षत्र, तारे, पर्वत, पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु,…