तीर्थंकर महावीर का जैनधर्म के प्रवर्तन में योगदान!
तीर्थंकर महावीर का जैनधर्म के प्रवर्तन में योगदान जैनशासन की धार्मिक मान्यतानुसार प्रत्येक सतयुग (दुःषमासुषमा नामक चतुर्थकाल) में २४-२४ महापुरुष जन्म लेते हैं जिन्हें तीर्थंकर कहते हैं। इस तीर्थंकर शृंखला में अनेक बार २४ तीर्थंकर इस धरती पर पहले हो चुके हैं और आगे भविष्य में भी अनेक बार २४ तीर्थंकर होंगे जिनके जन्म सदा…