व्रत और तप सर्वथा कार्यकारी ही हैं!
व्रत और तप सर्वथा कार्यकारी ही हैं सग्गं तवेण सव्वो वि पावए तह वि झाणजोएण।जो पावइ सो पावइ परलोए सासयं सोक्खं।।अइसोहणजोएणं सुद्धं हेमं हवेइ जह तह य।कालाईलद्धीए अप्पा परमप्पओ हवदि।वरवयतवेहिं सग्गो मा दुक्खं होउ निरइ इयरेहिं।छायातवट्ठियाणं पडिवालंताण गुरु भेयं।। तप से स्वर्ग सभी प्राप्त करते हैं, पर जो ध्यान से स्वर्ग प्राप्त करता है…