नवधाभक्तिपूर्वक!
नवधाभक्ति— 1.पड़गाहन,2 उच्चासन पर विराजमान करना,4 पादप्रक्षालन,5 पूजन करना, नमस्कार करना, 6 मनशुद्धि, 7 वचनशुद्धि,८ कायशुद्धि,आहार जल शुद्ध है “”
नवधाभक्ति— 1.पड़गाहन,2 उच्चासन पर विराजमान करना,4 पादप्रक्षालन,5 पूजन करना, नमस्कार करना, 6 मनशुद्धि, 7 वचनशुद्धि,८ कायशुद्धि,आहार जल शुद्ध है “”
रत्नत्रय व्रत विधि रत्नत्रयं तु भाद्रपदचैत्रमाघशुक्लपक्षे च द्वादश्यां धारणं चैकभक्तं च त्रयोदश्यादिपूर्णिमान्तमष्टमं कार्यम्, तदभावे यथाशक्ति काञ्जिकादिकं, दिनवृद्धौ, तदधिकतया कार्यम्, दिनहानौ तु पूर्वदिनमारभ्य तदन्तं कार्यमिति पूर्वक्रमो ज्ञेय:। अर्थ रत्नत्रय व्रत भाद्रपद, चैत्र और माघ मास में किया जाता है। इन महीनों के शुक्लपक्ष में द्वादशी तिथि को व्रत धारण करना चाहिए तथा एकाशन करना चाहिए। त्रयोदशी,…
सुगंधदशमी व्रत /कथा जम्बूद्वीप के विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी में शिवमंदिर नाम का एक नगर है। वहाँ का राजा प्रियंकर और रानी मनोरमा थी सो वे अपने धन, यौवन आदि के ऐश्वर्य में मदोन्मत्त हुए जीवन के दिन पूरे करते थे। धर्म किसे कहते हैं, वह उन्हें मालूम भी न था। एक समय सुगुप्त नाम…
अकालमृत्यु विजय पात्रानुक्रमणिका श्री विजय महाराजा पोदनपुर के नरेश विजयभद्र युवराज पुरोहित निमित्तज्ञानी सुमति मंत्री सुबुद्धि ’’ बुद्धिसागर ’’ मतिसागर ’’ सभासद ’’ प्रजा के लोग दो चंवरवाहक द्वारपाल सेठ-सेठपुत्र (पोदनपुर का राजदरबार लगा हुआ है। श्री विजय महाराज की दार्इं तरफ भद्रासन पर युवराज आसीन हैं। आजू-बाजू में मंत्रीगण बैठे हुए हैं और कुछ…
दर्द सताए तो इन्हें आजमाएं पिपरमेंट – पिपरमेंट से भी दांतों का दर्द दूर भाग जाता है | एनबीटी – दांतों की ठीक से सफाई न होने, कैविटी लगने या गलत खानपान के कारण अक्सर दांत दर्द का सामना करना पड़ता है | इसके अलावा दांतों में संक्रमण होने के कारण भी दर्द हो…
नाभि के स्पंदन से बीमारी की पहचान आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में रोग पहचानने के कई तरीके हैं | नाभि के स्पंदन से रोग की पहचान का जिक्र भी इन पद्धतियों में मिल जाता है | नाभि के खिसकने से मानसिक और आध्यात्मिक क्षमताएं कम हो जाती हैं | नाभि को…
कैसे पता करें कि आपकी नाभि खिसक गई है और उसे कैसे करें स्थिर आजकल की चिकित्सकीय दुनिया में बहुत ही कम लोग आयुर्वेद या फिर अन्य प्राचीन चिकित्सा प्रणाली की ओर अपना रुझान दर्शाते हैं। लेकिन साइंस कितना भी आगे क्यों ना बढ़ जाए, कुछ रोगों का इलाज प्राकृतिक रूप से ही किया जा…